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Ram – Sita Pratishtha : पहले जिस मंदिर में होती थी रावण की पूजा अब उसी मंदिर में हुआ राम – सीता का प्राण प्रतिस्ठा, क्या आपको पता है कौन जगह वो. .

अयोध्या के राम मंदिर में नई मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही नोएडा के बिरसख गांव में भी प्रभु राम के साथ माता सीता और लक्ष्‍मण जी की प्रतिमा स्‍थापित हुई. दिलचस्प बात यह है कि इस मंदिर में पहले रावण की पूजा होती थी और इसका रावण से खास संबंध भी है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य आयोजन को हर किसी ने देखा। इस मौके पर दिवाली से बड़ी दिवाली हर घर मनाई गई। गालियों चौराहो से लेकर मंदिरों तक हर तरफ रौनक देखने को मिली। इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजन भजन भंडारे दीपोत्सव आदि का आयोजन भी किया गया।इस मौके पर नोएडा के भी एक शिव मंदिर में प्रभु राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। बताया जा रहा है कि इस मंदिर में लंका पति रावण की पूजा की जाती है बिरसख गांव का यह मंदिर रावण के आराध्‍य भगवान शिव को समर्पित है.

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रावण का हुआ था जन्‍म

यह प्राचीन शिव मंदिर गौतम बुद्ध नगर नोएडा के बिसरख गांव में स्थित है। वहां के लोग इस जगह को रावण का जन्म स्थान मानते हैं।इस कारण यहां पर एक प्राचीन मंदिर भी है जिसमें रावण और उनके आराध्य भगवान शिव की पूजा होती है बताया जाता है कि इस मंदिर में जो अष्टभुजी शिवलिंग विराजमान है उसकी स्थापना रावण के पिता विश्रवा ऋषि ने कराई थी.

पहली बार विराजे राम

अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथी नोएडा के पास स्थित इस ऐतिहासिक मंदिर में भी पहली बार भगवान राम की मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठित किया गया, जहां रावण की भी पूजा की जाती है। इस मंदिर के मुख्य पुजारी महंत रामदास ने कहा कि पहली बार मंदिर परिसर में भगवान राम के साथ-साथ सीता जी और लक्ष्मण जी की मूर्तियां पूरे अनुष्ठान के साथ स्थापित की गई है। इस मंदिर में स्थापित की गई प्रभु राम माता सीता और लक्ष्मण जी की मूर्तियां राजस्थान से लाई गई थी।

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इसी मंदिर में मिला था रावण को वरदान

बताया जाता है कि रावण ने यहीं पर अष्टभुजी शिवलिंग की पूजा अर्चना की थी और वह यही हर रोज पूजा करने आता था। उसने तपस्या से शिवजी को प्रसन्न कर लिया था और इसके बाद भगवान शिव जी ने भी उसे प्रसन्न होकर प्रकांड विद्वान और पराक्रमी होने का वरदान दिया था।