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Director Vetrimaaran News : इस फेमस डायरेक्टर ने कहा की ओटीटी से नहीं हटानी चाहिए अन्नपूर्णी फिल्म, श्रीराम को बताया मांसाहारी

नयनतारा जहां शाहरुख खान की फिल्म जवान में काम करके बॉलीवुड से डेब्यू करके खूब तारीफें बटोरी थी। वहीं उनकी हालिया फिल्म अन्नपूर्णी रिलीज होने के बाद से विवादों में आ गई है। यह फिल्म और इस फिल्म के कलाकार लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं। फिल्म के एक सीन को लेकर कई जगह पुलिस में मामले भी दर्ज हो रहे हैं और अब यह विवाद हद से ज्यादा बढ़ गया है। विवादों को बढ़ता हुआ देखकर अब यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म से भी हटा दी गई है। इसके बाद निर्देशक वेत्रिमारन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, कि बाहरी दबाव के कारण सेंसर बोर्ड द्वारा अनुमोदित फिल्म को ओटीटी प्लेटफार्मों से हटाना फिल्म उद्योग के लिए हानिकारक है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति देने या स्वीकार करने का अधिकार केवल सेंसर बोर्ड को ही होता है।बाहरी दबाव के कारण सेंसर बोर्ड द्वारा पास हुई फिल्म को ओटीटी प्लेटफार्म से नहीं हटना चाहिए। यह फिल्म उद्योग के लिए काफी हानिकारक है।

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बता दें कि निर्देशक वेत्रिमारन को राजनीतिक रूप से प्रासंगिक फिल्में बनाने और ग्रामीण आबादी में बेजुबानों की आवाज बनने के लिए जाना जाता है. अब, निर्देशक ने लेडी सुपरस्टार नयनतारा की हालिया फिल्म ‘अन्नपूर्णी’ के लिए अपना समर्थन दिया है, जिसे कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए आलोचना का सामना करने के बाद एक ओटीटी प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है. फिल्म का निर्देशन नीलेश कृष्णा ने किया है.

हाल ही में एक मीडिया बातचीत में, वेत्रिमारन ने कहा कि भारत में ओटीटी प्लेटफार्मों पर रिलीज होने वाली फिल्मों सहित फिल्मों के लिए कोई वास्तविक बिना सेंसर वाली रचनात्मक स्वतंत्रता नहीं है.सफाई देते हुए कहा कि किसी भी फिल्म को अगर सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिल भी जाती है इसके बावजूद उसे बाहरी दबाव के कारण स्ट्रीमिंग सेवाओं से हटाया जा सकता है। वेत्रिमारन ने फिल्मों को मंजूरी देने या बैन करने के लिए जिम्मेदार एकमात्र प्राधिकारी के रूप में सेंसर बोर्ड के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने बोर्ड के निर्णयों की विश्वसनीयता पर चिंता जताई जब बाहरी प्रभाव पहले से फिल्म की रिलीज में हस्तक्षेप करते हैं.

आपको बता दे की अन्नपूर्णी नयनतारा की 75वीं फिल्म थी जो 1 दिसंबर 2023 को झिरमा घरों में बिना शोर किए चुपचाप रिलीज हो गई थी या फिर नयनतारा द्वारा निभाए गए चरित्र अन्नपूर्णी और भारत की सर्वश्रेष्ठ शेफ बनने की उनके बचपन की इच्छा के इर्द-गिर्द घूमता है। सामाजिक बाधाओ को तोड़ते हुए अन्नपूर्णी एक रूढ़िवादी परिवार से आती हैं।

तमिलनाडु के श्रीरंगम में वह ब्राह्मण परिवार में खाना बनाना सीखता है और मांस की खपत (meat consumption) सहित एक नए पाक दृष्टिकोण को अपनाता है. उसका बचपन का दोस्त फरहान, उसकी यात्रा का समर्थन करता है, वो वाल्मिकी की रामायण के एक श्लोक से प्रेरणा लेता है, उसे मांस पकाने के लिए प्रोत्साहित करता है और उसके उपभोग का विकल्प उसके विवेक पर छोड़ देता है.

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इस तरह से फिल्म में भगवान श्री राम को भी मांसाहारी बताया गया है और यह फिल्म उसे वक्त रिलीज हुई जब पूरे देश में श्री राम भक्ति के नारे लगाए जा रहे हैं, क्योंकि 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर का उद्घाटन भी किया जा रहा है। सीबीएफसी द्वारा सेंसर की गई फिल्मों को हटाना फिल्म उद्योग के लिए अच्छा नहीं है.इस तरह के फैसले सीबीएफसी के अधिकार को सवालों के घेरे में खड़ा करते हैं. इस फिल्म को नेटफ्लिक्स से इसलिए भी हटाया गया क्योंकि दक्षिणपंथी हिंदू समूहों ने इस फिल्म की काफी आलोचना की जिसके बाद इसे स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म से हटाने का फैसला लिया गया।

मध्य प्रदेश में नयनतारा और फिल्म से जुड़े दो अन्य व्यक्तियों को पुलिस मामले का सामना करना पड़ा. धार्मिक भावनाओं के अपमान का दावा करने वाले कट्टरपंथी हिंदू समूहों के आरोपों ने हाल के वर्षों में कई फिल्मों और शो को निशाना बनाया है.