Uncategorized

Ramlala Mandal Puja Rituals : राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद भी 48 घंटे तक होते रहेगी भव्य पूजा, अयोध्या के विद्वान और संत इस पूजा को करेंगे पूरा।

Mandal Puja: राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अब पूरी हो चुकी है। अब अगले 48 दिन तक यहां एक विशेष पूजा की जाएगी जिसे मंडल पूजा कहा जाता है आईए जानते हैं मंगल पूजा के कार्यक्रम और इसके विशेष महत्व के बारे में

देश के करोड़ों लोगों को जिस घड़ी का इंतजार था आखिर वह घड़ी आ ही गई। 22 जनवरी 2024 सोमवार का दिन अब इतिहास में दर्ज हो चुका है।अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह विधिपूर्वक संपन्न हुई है और श्री राम को गर्भ गृह में स्थापित भी कर दिया गया है। आपको बता दे की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बीते दिन 12:20 पर शुरू हुआ था और 1:00 बजे इसका समापन हुआ। 22 जनवरी को पौष द्वादशी तिथि थी और कई शुभ योग जैसे अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न और वृश्चिक नवांश मे संपन्न हुआ.
आपको बता दे कि भले ही राम मंदिर में रामलाल की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है लेकिन अभी भी पूजन और विधि का सिलसिला जारी है। अब आगे आने वाले 48 दिन तक यहां मंडल पूजा की जाएगी,जो दक्षिण भारत में बहुत प्रचलित है तो आईए जानते हैं क्या है मंडल पूजा क्या होता है और इस अनुष्ठान का क्या महत्व है.

ये भी पढें  Ram Mandir Ayodhya : राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के दौरान आखिर क्यों एक पुजारी ने अचानक अपना चेहरा ढक लिया था, जानिए क्या था वजह।

क्या होती है मंडल पूजा

बताया जा रहा है की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी से अगले 48 दिन तक एक विशेष पूजा की जाएगी। इन 48 दिनों में चलने वाली पूजा को मंडल पूजा कहा जाता है। आपको बता दे कि उत्तर भारत में यह पूजा इतनी प्रचलित नहीं है। लेकिन दक्षिण भारत में यह काफी प्रचलित है।अयोध्या के विद्वान और संत इस पूजा को बहुत अच्छे से जानते हैं।बता दें कि कर्नाटक के उडुपी के जगद्गुरु माध्वाचार्य विश्व प्रसन्न तीर्थ स्वामी के नेतृत्व में यह मंडल पूजा की जाएगी.

कैसे होती है मंडल पूजा

ये भी पढें  Amrapli Romance Video : आम्रपाली और निरहुआ ने पलंग पर लेटकर चादर के अंदर किया जबरदस्त रोमांस वीडियो देख लोगों को आया पसीना

ऐसा कहा जाता है की मंगल पूजा लगातार 48 दिन तक चलती है। इसमें पूजा के दौरान चांदी के कलशो से द्रव्य के साथ रामलाल की मूर्ति का अभिषेक किया जाता है वही विद्वानों और आचार्याओं द्वारा पूजा के दौरान चतुर्वेद और दिव्य ग्रंथों का पाठ किया जाएगा.

जानें क्या है इस अनुष्ठान का महत्व

वही शास्त्रों के अनुसार इस मंडल पूजा का अपना एक विशेष महत्व भी है।इसकी शुरुआत गणपति महाराज के आवाहन के साथ होती है। यह भी मान्यता है की मंगल पूजा के दौरान नियमित पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। भगवान राम भी श्री हरि के ही अवतार हैं, ऐसे में अयोध्या के राम मंदिर में भी ये पूजा कराई जाएगी.