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7th Pay Commission : सरकारी कर्मचारियों के लिए आई बड़ी खुशखबरी, जाने पेंशन से जुड़े नए नियम में क्या हुए हैं बदलाव

वर्तमान समय में सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने के बाद उसकी पारिवारिक पेंशन सबसे पहले उसके पति या पत्नी को दी जाती है लेकिन इस नए नियम में उन महिला कर्मचारियों को राहत मिलेगी जिनकी अपने पति के साथ नहीं बनती थी।

नए साल के दूसरे ही दिन केंद्र सरकार ने सरकारी पेंशन से जुड़े नियमों में मुख्य बदलाव कर दिए हैं। कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने मंगलवार को यह बताया कि एक महिला सरकारी कर्मचारी या पेंशन भोगी अब वैवाहिक कलह के मामलों में अपने पति से पहले अपने बच्चों को पारिवारिक पेंशन के लिए नॉमिनेट कर सकती है। वर्तमान में सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन सबसे पहले उसके पति या पत्नी को दी जाती थी

लेकिन सरकार के नए नियम में उन महिला कर्मचारियों को राहत मिलने वाली है जिनकी अपने पति के साथ नहीं बनती थी। ऐसी महिलाएं अपने बच्चों को नॉमिनेट करके उनका भविष्य सुरक्षित कर सकती है। सीसीएस पेंशन नियम 2021 के नियम 50 के उप नियम 8 और 9 के प्रावधानों के अनुसार अगर किसी मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशन भोगी के पति या पत्नी परिवार में है तो पहले उन्हें ही पारिवारिक पेंशन दी जाती है। इसके बाद ही बच्चे और परिवार और अन्य सदस्य पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होते हैं।

यह तभी लागू होता है जब मृतक सरकारी कर्मचारी/पेंशन भोगी के पति या पत्नी पारिवारिक पेंशन के लिए अपात्र होते हैं या उनकी मृत्यु हो जाती है। अब यह निर्णय लिया गया है कि यदि किसी सरकारी महिला कर्मचारी/ महिला पेंशन भोगी के संबंध में तलाक की कार्यवाही न्यायालय से लंबित है यह सरकारी महिला कर्मचारी /महिला पेंशन भोगी ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया है।ऐसी सरकारी महिला कर्मचारी /महिला पेंशन भोगी अपनी मृत्यु के बाद अपने बच्चों को पारिवारिक पेंशन दिए जाने के लिए अपने पति की जगह स्थान दे सकती है। लेकिन इसके लिए कुछ शर्ते भी है-

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-जहां मृत महिला सरकारी कर्मचारी /महिला पेंशन भोगी के परिवार में पति है और उसके बच्चे पात्र हैं, ऐसे बच्चों को पारिवारिक पेंशन देय होगी। वही मृत सरकारी महिला कर्मचारी /महिला पेंशन भोगी के परिवार में विधुर यानी पति है और महिला कर्मचारी की मृत्यु की तारीख को कोई भी बच्चा पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र नहीं है वह विधुर को पारिवारिक पेंशन दी जाएगी।

-जहां मृत महिला सरकारी कर्मचारी /महिला पेंशन भोगी के परिवार में अवयस्क बच्चे के साथ विधुर या मानसिक दिव्यांगता से पीड़ित बच्चा है ऐसे में पारिवारिक पेंशन पति को मिलेगी लेकिन शर्त है कि वह ऐसे बच्चों का अभिभावक हो।

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-अगर विधुर ऐसे बच्चों का अभिभावक नहीं है तो ऐसी स्थिति में पारिवारिक पेंशन उसे व्यक्ति के माध्यम से बच्चे को देनी होगी जो बच्चे वास्तविक अभिभावक है। जहां नाबालिक बच्चा वयस्क होने के बाद पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होगा।ऐसे बच्चों को पारिवारिक पेंशन उसे तारीख से देनी होगी जिस दिन से वह वयस्क हो जाएगा।