धार्मिकराम मंदिर

Ram Mandir : क्या आपको पता है कि राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या में कैसे ढूंढा था राम का जन्म स्थान? सुनिए नन्हे कथावाचक की कहानी

अयोध्या में राम का जन्म हुआ था लेकिन उनके सटीक जन्म स्थान को राजा विक्रमादित्य ने खोज निकाला था। इसे लेकर एक दिलचस्प कथा है जिसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं। अयोध्या नगरी में राम मंदिर का उद्घाटन हो चुका है और राम अपने बाल रूप में मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थापित भी हो चुके हैं। आज जिस स्थान पर राम मंदिर बना है।

कहा जाता है कि उसे स्थान को उज्जैन के प्रतापी राजा विक्रमादित्य ने ढूंढा था। इस खोज से जुड़ी एक कहानी भी है जिसे भारत के सबसे छोटे कथा वाचक अभिनव अरोड़ा ने हाल ही में बताया अभिनव सोमवार को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए थे जहां उन्होंने यह कथा बताई।

कथावाचक अभिनव अरोड़ा ने कहा कि एक बार उज्जैन के राजा विक्रमादित्य अयोध्या आए ताकि वह राम के जन्म स्थान को देख सके लेकिन वहां बहुत घूमने पर भी कोई यह नहीं बता पाया कि राजा राम का असली जन्म स्थान आखिर है कहां? किसी को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी ऐसे में सरयू के तट पर राजा विक्रमादित्य उदास होकर बैठ गए।

ये भी पढें  Ram Mandir : राम मंदिर में शामिल हुए इमाम को मिली जान से मारने की धमकी फतवा हुआ जारी

वहां उन्होंने देखा कि काले रंग का व्यक्ति काले रंग के घोड़े पर बैठकर उनकी तरफ चले आ रहा है। घोड़े से उतारकर उसे अजनबी व्यक्ति ने अपने वस्त्र उतरे और सरयू नदी में स्नान करने लगा जैसे ही उसने नदी में पहली डुबकी लगाई एक चमत्कार हो गया राजा ने देखा कि काले रंग का व्यक्ति गोरा हो गया राजा यह देखकर बेहद हैरान हो गए उन्होंने अजनबी से पूछा यह कैसे हुआ?

तो अजनबी ने बताया कि मैं सभी तीर्थ का राजा प्रयागराज हूं। जब मैं सबके पाप धोकर काला हो जाता हूं तो मैं यहां आकर स्वच्छ हो जाता हूं। इतनी बात सुनकर राजा ने प्रयागराज को अपना परिचय दिया और कहां मैं आपके हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं। आप मुझे बहुत सिद्ध पुरुष लगते हैं। क्या आप बता पाएंगे श्री राम का असली जन्म स्थान अयोध्या में कहां है?’

ये भी पढें  Legend Of Prince Rama : जापान में बनी इस रामायण ”द लीजेंड ऑफ प्रिंस रामा” को भारत में करना पड़ा था बैन, जाने क्या थी इसके पीछे की वजह?
Ram Mandir
क्या आपको पता है कि राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या में कैसे ढूंढा था राम का जन्म स्थान

राजा का सवाल सुनकर प्रयागराज ने कहा कि उनके तट पर स्नान करने वालों की लंबी कतार है और इसलिए उनके पास समय नहीं है। उन्हें जाना होगा क्योंकि लोग उनका इंतजार कर रहे हैं जाते-जाते राजा से प्रयागराज ने कहा इस प्रश्न का उत्तर आपको काशी विश्वनाथ में मिलेगा इसलिए हे राजन!आप काशी विश्वनाथ चले जाइए प्रयागराज की बात को सुनकर राजा काशी विश्वनाथ की तरफ चले गए वहां पहुंचते ही उन्हें ब्राह्मण दिखाई दिए ब्राह्मण के वश में वह देवों के देव महादेव यानि शंकर भगवान थे।

भगवान शंकर ने राजा से कहा देखो मुझे मालूम है कि तुम यहां किस उद्देश्य से आए हो। भगवान शंकर ने राजा को एक गाय दी और कहा कि इस गाय को लेकर अयोध्या जाओ और इसे लेकर पूरे शहर में घूमो जहां यह गए खुद ही दूध देने लगेगी समझ लेना वही राम जी का असली जन्म स्थान है। इसके बाद राजा विक्रमादित्य अयोध्या आए और गाय लेकर घूमने लगे. एक स्थान पर गाय रुकी और अपने आप ही दूध देने लगी जिसे देखकर राजा खुशी से झूम उठे. उन्हें राम का असली जन्मस्थान मिल गया।