एक 'स्विच ऑफ फोन' से Kangana Ranaut की सेकंडों में बदली पूरी जिंदगी

Kangana Ranaut पिछले दो दशक से सिनेमा में काबिज हैं। पहली फिल्म डिब्बा बंद होने के बाद दो साल तक अभिनेत्री काम के लिए भटकती रही।

उन्हें अपनी डेब्यू फिल्म के लिए पहले रिजेक्ट भी कर दिया गया था।

एक छोटे से गांव से मायानगरी मुंबई में अभिनेत्री बनने का सपना संजोए एक 17 साल की लड़की आई।

किसे पता था कि वह कम समय में ही सिनेमा की 'क्वीन' बन जाएगी।

परिवार के खिलाफ जाकर अभिनय को चुना और चार-चार नेशनल अवॉर्ड का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया।

हम बात कर रहे हैं कंगना रनोट (Kangana Ranaut) की। 23 मार्च 1987 को हिमाचल प्रदेश के भाम्बला गांव में जन्मीं कंगना किसी फिल्मी परिवार से ताल्लुक नहीं रखती हैं।

उनकी मां एक स्कूल टीचर थीं और पिता बिजनेसमैन हैं। बचपन से ही अभिनेत्री को अभिनय का शौक था। फैशन में भी उनका कोई तोड़ नहीं था।

मगर उनके पिता चाहते थे कि उनकी लाडली डॉक्टर बनें। हालांकि, कंगना का प्लान कुछ और था।

कंगना रनोट ने परिवार के खिलाफ जाकर 15-16 साल की उम्र में घर से मुंबई भाग गईं। शुरू में अभिनेत्री ने कई मॉडलिंग प्रोजेक्ट्स पर काम किया और फिर शुरू इंडस्ट्री में कदम रखा।

फिल्मी बैकग्राउंड से न होने के चलते कंगना को मूवी मिलना कोई बाएं हाथ का खेल नहीं था। इसके लिए उन्हें खूब मशक्कत करनी पड़ी थी।

17 साल की उम्र में आखिरकार कंगना रनोट को पहली फिल्म मिली। नाम था- आई लव यू बॉस (I Love You Boss)। इस फिल्म का निर्देशन पहलाज निलानी कर रहे थे।

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