बिहार के दो अफसरों ने आंध्र प्रदेश की महिला को कर दिया खुश, पटना के नजदीक छोटे से रेलवे स्टेशन पर हुई ये घटना
पटना और गया को जोड़ने वाली रेल लाइन के छोटे से स्टेशन पे एक ऐसी घटना घटी जिसे सुन आप भी बेहद खुश हो जाएंगे।बुधवार को उस छोटे से स्टेशन पर एक अजनबी महिला को भटकते देख लोग हैरानी में थे। लोगों ने महिला से जब उसके बारे में जानने की कोशिश की तो उसकी भाषा किसी को भी समझ में ही नहीं आई, तो लोग उसकी मदद कैसे करते।
तब महिला को स्टेशन मास्टर के पास ले जाया गया पर वो भी कुछ भी समझ नहीं पाया।महिला की जानकारी तुरंत मसौरी स्टेशन पर तैनात जीआरपी प्रभारी को दी गई। जिसके बाद जीआरपी प्रभारी और स्टेशन मास्टर ने कोशिश कर ना सिर्फ लड़की कि बात सुनी और समझी बल्कि उसे डेढ़ हज़ार किलोमीटर उसके परिवार के पास भी पहुंचा दिया।

दरअसल कुछ दिन पहले ये महिला आंध्र प्रदेश के केकरूल स्टेशन से भटक कर पटना गया रेलखंड नदौला स्टेशन पहुंच गई थी। 50 साल की इस महिला को जीआरपी प्रभारी और नादौला स्टेशन के पोस्ट मास्टर ने उनके भाई के साथ उन्हे अपने घर भेज दिया। उस औरत का नाम मेहर सुल्ताना था ।वे आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिला के केकरूल गांव की थीं और भटक कर नदौला स्टेशन पहुंच गई थी पर उन्हे वापस सही सलामत भेज दिया गया।
दोनों अधिकारी तारीफ के काबिल
नदौला स्टेशन के पोस्टमास्टर और तारेगना जीआरपी थानाध्यक्ष रामाधार शर्मा की जितनी तारीफ को वो काम है। बता दें भटकी हुई महिला की भाषा मलियालम थी और वे इसे भाषा में बात कर रहीं थीं । मलयालम दोनों में से किसी ऑफिसर को नहीं आती थी। इसके बाद अफसरों ने गूगल ट्रांसलेशन का सहारा लिया ।महिला की आवाज़ उन्होंने ट्रांसलेटर से समझा और महिला के बताए गए नंबर पे कॉल कर उनके भाई को उनकी सूचना दी।
इसके बाद अधिकारियों ने महिला को उनके भाई के हवाले कर दिया। दोनों ने शुक्रवार के लिए पाटलिपुत्र यशवंत नगर एक्सप्रेस ट्रेन का टिकट भी महिला के लिए कटवा दिया। साथ ही उन्होंने महिला को रास्ते में खर्च के लिए पैसे, कपड़े और गया कि प्रसिद्ध मिठाई तिलकुट भी दी। अब जब महिला अपने गांव पहुंचेंगी तो वो इनकी तारीफों के पुल बांध देंगी।