Shani Margi 2022 : शनि अगले महीने होने जा रहे मार्गी, इन 5 राशि वालों के जीवन में आएंगी खुशियां
अक्टूबर माह में शनि की स्थिति में परिवर्तन होने जा रहा है। शनि की स्थिति में बदलाव कुछ राशि वालों के जीवन में खुशियां ला सकता है। इस दौरान शनि के अशुभ प्रभाव में कमी आ सकती है। वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय का देवता कहा गया है। शनिदेव जातक को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शनि अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल देते हैं और गलत काम करने वालों को दंड देते हैं। इस समय शनि मकर राशि में वक्री है। शनि वक्री का अर्थ है उलटी चाल। शनि वक्री अवस्था में शनि की साढ़ेसाती और शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित राशियों के लिए कष्टदायक माना जाता है।

जिस व्यक्ति की कुण्डली में शनि अनुकूल हो और तीसरे, छठे या ग्यारहवें भाव में हो तो व्यक्ति आर्थिक रूप से बहुत मजबूत होता है। वहीं यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि उच्च का हो या शनि स्वयं के घर में हो तो व्यक्ति धनवान होता है। इन सबके अलावा शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो तो शनि की विशेष कृपा हो तो व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। इन सबके बीच माता-पिता का आशीर्वाद होना बहुत जरूरी है।
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कब होंगे शनिमार्गी?
23 अक्टूबर 2022 को शनि गोचर करेंगे। इस दिन धनतेरस भी है। शनि का गोचर शनि की महादशा से पीड़ित राशियों पर शनि के अशुभ प्रभाव को कम करेगा।
इन राशियों को मिलेगी राहत-
वर्तमान में शनि धनु, कुंभ और मकर राशि में है और शनि की साढ़े साती चल रही है। वहीं मिथुन और तुला राशि पर शनि ढैया का प्रभाव है। शनि का वक्री होना अधिक कष्टकारी साबित होता है। इस अवधि के दौरान साढ़ेसाती और ढैया से पीड़ित राशियों को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन शनि के गोचर में इन राशियों से राहत मिल सकती है।
शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय-
- प्रतिदिन शनि चालीसा का पाठ करें।
- शनिवार के दिन काले तिल, उड़द और काले वस्त्र का दान करें।
- शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- हनुमान जी की पूजा करें।
- शनिवार के दिन मंदिर जाएं और शनि देव के दर्शन करें।