सीमाओं पर शांति जितनी जल्दी हो सके, कायम की जानी चाहिए
दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच आठवें दौर की आखिरी बातचीत वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास 6 नंवबर को चुशुल में हुई थी. उसके बाद से अब तक दोनों पक्षों में कोई बातचीत नहीं हुई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा-हमारा यह मानना है कि बातचीत के जरिए ही दोतरफा स्वीकार्य हल की तरफ आगे बढ़ा जा सकता है. सभी विवादित प्वाइंट्स से दोनों तरफ की सेनाएं हटाई जानी चाहिए. सीमाओं पर शांति जितनी जल्दी हो सके, कायम की जानी चाहिए.
चीनी सेना की तरफ से LAC पर यथास्थित को बदलने का एकतरफा प्रयास किया गयागौरतलब है कि हाल ही में भारत और चीन दोनों ने ही एक दूसरे पर नियंत्रण रेखा के हालात को लेकर आरोप लगाए थे. भारत की तरफ से स्पष्ट किया जा चुका है कि चीनी सेना की तरफ से LAC पर यथास्थित को बदलने का एकतरफा प्रयास किया गया जिसका जवाब भारतीय सेनाओं ने दिया.
भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती को लेकर चीन ने पांच बार अलग-अलग बयान दिए
बीते 9 दिसंबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि एलएसी पर भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती को लेकर चीन की तरफ से पांच बार अलग-अलग बयान दिए गए. उन्होंने यह भी माना था कि चीन की तरफ से नियमों का उल्लंघन करने के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी कटुता आ गई है.
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