Helicopter Crash: ‘मेरे पिता हीरो थे’, ब्रिगेडियर लिड्डर की बेटी ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई
कुन्नूर हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के अलावा 11 अन्य लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इसी हादसे में जान गंवाने वाले ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर आज यानि कि शुक्रवार को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान उनकी पत्नी ने कहा, हमें मुस्कुराते हुए उन्हें विदाई देनी चाहिए। बकौल गातिका लिड्डर “हमें उन्हें हंसते हुए अच्छी विदाई देनी चाहिए। जिंदगी बहुत लंबी है, अब अगर भगवान को ये ही मंजूर है तो हम इसके साथ ही जीएंगे, वो एक बहुत अच्छे पिता थे, बेटी उन्हें बहुत याद करेगी। यकीनन ये बहुत बड़ा और कभी न भरने वाला नुकसान । ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर की पत्नी के अलावा उनकी बेटी ने कहा, मेरा पिता हीरो थे।

ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर की बेटी आश्ना लिड्डर ने कहा, मैं 17 साल की होने वाली हूं। मेरे पिता मेरे साथ 17 साल रहे। मैं उनकी अच्छी यादों के साथ आगे बढ़ूंगी। मेरे पिता का जाना राष्ट्र के लिए नुकसान है। मेरे पिता हीरो थे। वे मेरे अच्छे दोस्ते थे। शायद उनका जाना हमारी किस्मत हो सकता है, या बेहतर चीजें आगे आएंगी। वे मेरे सबसे बड़े प्रेरक थे।

मालिम हो कि ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर के पार्थिव शरीर को आज यानि कि शुक्रवार को बेस हॉस्पिटल से दिल्ली कैंट के बरार स्क्वायर में लाया गया। फिर सुबह 9.30 बजे यही उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार से पहले उनकी पत्नी गातिका लिड्डर और बेटी आश्ना लिड्डर ने नम आँखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।