Mahabharat में इस सीन के समय छलक पड़े थे ‘द्रौपदी’ के आंसू, कुछ ऐसी थी वजह…
अपने समय के बेहद चर्चित टीवी सीरियल ‘महाभारत’ (Mahabharat) में द्रौपदी (Draupadi) का रोल निभा चुकीं एक्ट्रेस रूपा गांगुली (Roopa Ganguly) ने बॉलीवुड में करियर की शुरुआत 1986 में टेलीफिल्म ‘स्त्री की पात्र’ (Stree ka Patr) से किया था। सौमित्र चटर्जी के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म के बाद रूपा गांगुली को 1989 में बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में द्रौपदी के रोल के लिए सिलेक्ट कर लिया गया।

रूपा गांगुली ने अपना डेब्यू एक बंगाली सीरियल ‘मुक्तबंध’ से किया था। 1986 में उन्होंने दूरदर्शन के टीवी सीरियल गणदेवता से हिन्दी करियर की शुरुआत की। इसमें उनके काम को देखकर बीआर चोपड़ा ने महाभारत में द्रौपदी के रोल के लिए उन्हें कॉस्ट कर लिया था।

पर महाभारत से जुड़े ऐसे कई इंटरेस्टिंग किस्से हैं, जिनके बारे में शायद ही कोई जानता हो।बीआर चोपड़ा की महाभारत में सबसे अहम था द्रौपदी का चीरहरण वाला सीन फिल्माना। इस सीन को लेकर बीआर चोपड़ा काफी सीरियस थे और इसे सबसे यादगार बनाना चाहते थे। बीआर चोपड़ा का सपना था कि इस सीन को देखने के बाद ऑडियंस के दिलों में इसकी यादें कई सालों तक बनी रहें।

चीरहरण फिल्माने के लिए बीआर चोपड़ा ने खास तैयारी की थी। उन्होंने एक लंबी चौड़ी करीब 250 मीटर की साड़ी बनवाई थी। बीआर चोपड़ा चाहते थे कि इस सीन को बिना रीटेक और अनकट के शूट किया जाए। इस साड़ी को तब इस्तेमाल किया जाना था, जब तक द्रौपदी का चीरहरण चलता और श्रीकृष्ण आकर उनकी लाज बचाते हैं।

चीरहरण वाले सीन को शूट करने से पहले मेकर्स ने रूपा गांगुली से कहा था कि वे खुद के साथ उसी तरह सोचें, जैसे किसी औरत को बालों से खींचकर भरी सभा में लाया जाता है और उसका चीरहरण किया जाता है। रूपा ने इसके लिए कड़ी रिहर्सल की थी और सीन शूट करते वक्त वो बेहद इमोशनल भी थीं।

मेकर्स के मुताबिक, द्रौपदी के चीरहरण वाला सीन इतना दर्दनाक था कि उसे शूट करते समय रूपा गांगुली असल में रो पड़ी थीं। रूपा शूटिंग के बाद भी सेट पर ही इतना रोईं कि मेकर्स और बाकी स्टार कास्ट को उन्हें चुप कराने में कई घंटों लगे थे। बाद में ये सीन इसलिए भी जबर्दस्त बना क्योंकि इसे एक टेक में ही शूट किया गया था।