ग्रुप की डील पर लगाई अंतरिम रोक
अक्टूबर में सिंगापुर की एक मध्यस्थता अदालत ने रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की डील (FRL Deal) पर अंतरिम रोक लगा दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने रेगुलेटर्स को इस विवाद पर निर्णय करने का आदेश देकर संकेत दिया है कि मामले को भारतीय कानून व्यवस्था के तहत ही सुलझाया जाएगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि रिलायंस के सौदे को मंजूरी देने वाला FRL बोर्ड रिज़ॉल्यूशन मान्य है और पहली नजर में वैधानिक प्रावधानों के अनुसार लगता है. अमेजन ने इसे अमान्य करार दिया था.
ये भी पढ़ें- Gold Price Today: सोना फिर 50,000 रुपये के पार, चांदी 2200 रुपये हुई महंगी, फटाफट देखें आज की नई कीमतेंअमेजन ने किया फेमा और एफडीआई नियमों का उल्लंघन
हाईकोर्ट ने 132 पेज के अपने आदेश में यह भी कहा कि अमेजन ने फेमा और एफडीआई के नियमों का उल्लंघन किया है. अमेजन ने विभिन्न समझौते करके FRL पर नियंत्रण करने की कोशिश की, जिसे सही नहींं ठहराया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि अगर फ्यूचर और रिलायंस को अमेजन की हरकतों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है तो उस पर कार्यवाही हो सकती है. अब गेंद सेबी, एनसीएलटी और अन्य रेगुलेटर्स के पाले में है. उन्हें इस मामले पर फैसला लेने की हरी झंडी कोर्ट से मिल चुकी है.
ये भी पढ़ें- शेयर बाजारों में कोरोना के नए स्ट्रेन की खबर से आई सुनामी, सेंसेक्स 1406 अंक टूटा, निवेशकों के डूबे 7 लाख करोड़ रुपये
सीसीआई पहले ही दे चुका है एफआरएल सौदे को मंजूरी
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने इससे पहले 20 नवंबर को रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर समूह के सौदे को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद दोनों कंपनियां डील को अंतिम रूप देने में जुट गईंं. सीसीआई के फैसले से अमेरिकी दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को तगड़ा झटका लगा था. रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडेयरी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) ने अगस्त 2020 में फ्यूचर ग्रुप के रिटेल एंड होलसेल बिजनेस और लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग बिजनेस के अधिग्रहण का ऐलान किया था. इस डील के बाद फ्यूचर ग्रुप के 420 शहरों में फैले 1,800 से अधिक स्टोर्स तक रिलायंस की पहुंच बन जाती है. बता दें कि यह डील 24,713 करोड़ रुपये में फाइनल हुई थी.
This website uses cookies.
Leave a Comment