Aliens Message of Humans : सिर्फ 6 साल और… इंसानों का संदेश मिल जाएगा Aliens को- फिर वो भेजेंगे मैसेज
वैज्ञानिकों की एक समूह ने अंतरिक्ष में कुछ रेडियो सिग्नल भेजे थे । अब अनुमान लगाया जा रहा है कि उन सिग्नल का जवाब 2029 तक मिल जाएगा। 6 साल में एलियन दुनिया से संपर्क स्थापित हो जाएगा।
वैज्ञानिक ने प्रकाश की गति की गणना के अनुसार यह आंकड़ा निकाला है। उन्होंने यह भी बताया है कि सबसे पहला संदेश हमे वर्ष 2029 में मिलेगा। कितना टाइम इंसानी मैसेज को एलियन तक पहुंचाने में लगेगा। कितना वक्त वहां से संदेश वापस आने में लगेगा।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के साइंटिस्ट रीली डेरिक ने कहा कि हम इस तरह की गणनाओं के जरिए एलियन दुनिया के इंटेलिजेंस का अंदाजा लगा सकते हैं। साथ ही यह भी पता लगा सकते हैं कि कौन से ग्रह से संदेश हमे मिल रहा है। और किस ग्रह से नहीं आएगा। क्या पता कोई हमारा संदेश कोड या डिकोड कर रहा हो।
रेडियो सिग्नल अंतरिक्ष में कमजोर होते चले जाते हैं। ऐसे सिग्नल को ढूंढना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए वैज्ञानिकों ने नासा डीप स्पेस नेटवर्क से ताकतवर सिगनल भेजा था। इससे पहले कई बार एलियन जीवन से संपर्क करने की कोशिश की गई थी। लेकिन पूरी सफलता नहीं मिल पाई।
ऐसी ही एक टेक्नोलॉजी है पायोनियर -10। इस तकनीकी से 2002 में एक डेड स्टार को सिग्नल भेजा गया था। वह संदेश पहुंचने में 27 साल लगने थे। यानी 2029 में एलियंस को हमारा सिग्नल मिल जाएगा। इसके पहले 1980 और 1983 में दो तारों को मैसेज भेजा गया था। उन तारों में से 1 साल 2007 में सिग्नल आ चुका है।
दूसरे तारे से सिग्नल 2030 तक आने की संभावना है। मान लीजिए एलियंस हमारे पास सिग्नल भेजते हैं, तो क्या हमारे पास ऐसी तकनीक है कि हम उसे रिसीव करके डिकोड कर पाएंगे क्या। पेन स्टेट एस्ट्रोनॉमर मैसी ह्यूस्टन कहते हैं कि एलियन को संदेश भेजने उन्हें रिसीव करने और डिटेक्ट करने को लेकर कई फैक्टर मायने रखता है।
वैज्ञानिकों का अंदाजा है कि रेडियो ट्रांसमिशन में समय लगता है। इसलिए सौरमंडल या अकाश गंगा में एलियन का जीवन खोजना मुश्किल है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के रेडियो एस्ट्रोनॉमर जीन लुक मार्गोट कहते हैं कि इंसानी सभ्यता के पास अभी उतनी ताकत नहीं है कि एलियन के साथ संपर्क कर सके। और अगर कर भी लिया तो समझ नहीं पाएंगे।
इजरायल स्पेस प्रोग्राम के पूर्व प्रमुख हैम एशेद का कहना है कि इजरायल और अमेरिका कई सालों से एलियन के साथ जूझ रहे हैं। हमें अक्सर यूएफओ और अजीब चीजें का सामना करना पड़ता है। 87 वर्षीय हैम एशेद कहते हैं कि डिफेंस मिनिस्ट्री के परिजन को हर बार नई रिपोर्ट तैयार करनी पड़ती है।
हैम का कहना है कि ब्रह्मांड में करोड़ों आकाशगंगाए हैं। हर आकाशगंगा में अलग-अलग सभ्यता मौजूद होगी। वह कभी न कभी तो आपस में संपर्क करेगी ही। या ये भी हो सकता है कि मंगल ग्रह की जमीन के नीचे एलियन का अंडर ग्राउंड बेस हो।