आखिर क्यों तमिल सुपरस्टार विजय सेतुपति को लात मारने वाले को नक़द इनाम दी जाएगी कि घोषणा हुई…
साउथ फिल्मों के जाने माने सुपरस्टार विजय सेतुपति जिन्हें अभी हाल ही में राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है, को लात मारने वाले को नकद ईनाम की घोषणा की गयी है आखिर ऐसा क्या हुआ कि नेशनल अवार्ड मिलते ही वह विवादों में घिर गए हैं। मालूम हो कि 2 नवंबर को विजय पर बेंगलुरु हवाई अड्डे पर एक शख्स ने अचानक हमला कर दिया। इस व्यक्ति ने विजय को लात मारने की कोशिश की थी। अब इस घटना के बाद दक्षिण भारत के एक हिंदू समर्थक समूह के नेता अर्जुन संपत ने घोषणा की है कि जो भी विजय सेतुपति को लात मारेगा, वो उसे इनाम देंगे। पर अर्जुन संपत ने ऐसा क्यों कहा और वे है कौन ?

मालूम हो कि हिंदू समर्थक समूह – हिंदू मक्कल काची – के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को अर्जुन संपत चलाते हैं। उन्होंने ही एक ट्वीट में लिखा है कि अभिनेता विजय सेतुपति को लात मारने को उनकी तरफ से नकद पुरस्कार दी जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि विजय सेतुपति ने अय्या थेवर का अपमान किया है। अब जब तक विजय सेतुपति अपनी गलती की माफी न मांगे, तब तक उन्हें लात मारते रहने पर हर एक लात के लिए 1001 रुपये का इनाम दिया जाएगा। इसके साथ ही संपत ने बताया कि अभिनेता पर हमला करने वाले महा गांधी से उनकी बात हुई थी। गांधी ने बताया कि अभिनेता की व्यंग्यात्मक टिप्पणी की वजह से उन्होंने हमला किया।

अर्जुन संपत ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा,”राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर महा गांधी विजय संपत को बधाई देना चाहता था। वह बधाई देने गया था, लेकिन विजय संपत ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कह दिया कि इसमें राष्ट्र जैसा कुछ भी नहीं है। इसके बाद जब महा गांधी ने विजय को पसुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर पूजा में आने के लिए आमंत्रित किया, तो अभिनेता ने फिर व्यंग्यात्मक लहजे में जवाब दिया कि दुनिया में एकमात्र थेवन (भगवान) यीशु हैं। इसके चलते ही विवाद हुआ. सेतुपति ने पसुम्पोन और राष्ट्र का अपमान किया है। ”
मालूम हो कि पसुम्पोन मुथुरामलिंग थेवर स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ आध्यात्मिक नेता भी थे, उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के साथ काम किया था। उनका जन्म 30 अक्टूबर 1908 को तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के पसुम्पोन में हुआ था। दक्षिण भारत के कई इलाकों में उन्हें भगवान की तरह पूजा जाता है। बीती 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 114वीं थेवर जयंती (गुरु पूजा) पर पसुम्पोन मुथुरामलिंग थेवर को श्रद्धांजलि दी थी।