अब आपको अपने दरवाजे पर तमिलनाडु की इरुलास और कुरुमबास जनजातियों के दस प्रोडक्ट शामिल हैं. इनमें तीन ऑर्गेनिक प्रोडक्ट शिकाकाई पाउडर, लाल चावल और मसाले जायफल, जायफल का अचार और दो तरह का अवल (पोहा) शामिल है. मध्य प्रदेश की गोंड और कोर्कू जनजातियों द्वारा तैयार दस धातु निर्मित आकर्षक डोकरा सजावटी वस्तुएं भी ट्राइब्स इंडिया के प्लेटफार्म पर मिलेंगी.
हैंडीक्राफ्ट-ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का बड़ा बाज़ार है ई-मार्केटप्लेस
ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण का कहना है, ‘‘भारत भर की जनजातियों द्वारा तैयार इन उत्पादों को अपनी पेशकश में शामिल करने से बहुत सी जनजातियों के कलाकारों की बड़े बाजारों तक पहुंच बनी है. हम जनजातियों के सशक्तिकरण के लिए काम करते समय ‘गो वोकल फॉर लोकल गो ट्राइबल’ के मंत्र में विश्वास रखता है. आज मध्य प्रदेश की गोंड और कोर्कू जनजातियों द्वारा तैयार दस धातु निर्मित आकर्षक डोकरा सजावटी वस्तुएं भी ट्राइब्स इंडिया के कैटलॉग में शामिल की गई हैं.गांव के चरवाहे कर रहे MNCs के मैनेजर से भी ज्यादा कमाई, जानें कैसे
यह बेहद खूबसूरत धातु निर्मित वस्तुएं उचित कीमत पर उपलब्ध हैं और यह सजावटी के साथ-साथ काम आने वाले प्रोडक्ट हैं. इनमें नंदी और हिरन की मूर्तियां, कार्डकेस, नेपकिन होल्डर और पेन स्टैंड शामिल हैं. ट्राइब्स इंडिया का ई-मार्केटप्लेस भारत का सबसे बड़ा हैंडीक्राफ्ट-ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का बाजार है. जिसका उद्देश्य पांच लाख जनजातीय उद्यमों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ना, जनजातीय उत्पादों और हस्तशिल्प वस्तुओं का प्रदर्शन करना तथा दे भर के उपभोक्ताओं की उन तक पहुंच कायम करना है.
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