कैट ने यह भी कहा है कि हम सरकार की मदद करने के मकसद से यह जानकारी मांग रहे हैं, लेकिन किसी के पास भी इसका जवाब देने की फुरसत नहीं है. वहीं, आरबीआई ने सीधा सा जवाब देने के वजाए कहा कि हम लोगों को डिजिटल पेमेंट करने का उपाय सुझा रहे हैं.
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तीन-तीन बार भेजे गए लैटर, नतीजा ज़ीरोकैट ने 9 मार्च 2020 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को एक पत्र भेजकर पूछा था कि क्या कोरोना करेंसी नोटों के जरिए फैल सकता है. वहीं, 18 मार्च, 2020 को कैट ने एक अन्य पत्र इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के निदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव को पत्र भेज कर यही सवाल उनसे भी किया था और कोई जवाब न मिलने के बाद फिर जुलाई और सितम्बर में दोनों को मुद्दे के विषय में बताते हुए स्पष्ट जानकारी देने के लिए कहा था. देशभर में व्यापारी बड़ी संख्या में करेंसी नोट के जरिये व्यापार करते हैं और आम जनता भी करेंसी नोट का बहुत प्रयोग करती है, लेकिन नौ महीने बीत जाने के बाद भी कोई जवाब आज तक कैट के पास नहीं आया है.
कैट का आरोप, इस मामले पर सरकार की चुप्पी आश्चर्यजनक
कैट का कहना है कि देश में अनेक जगह और विदेशों में इस विषय पर अनेक अध्ययन रिपोर्ट में यह साबित हुआ है की करेंसी नोटों के द्वारा किसी भी प्रकार का संक्रमण तेजी से फैलता है, क्योंकि नोटों की सतह सूखी होने के कारण किसी भी प्रकार का वाइरस या बैक्टेरिया लंबे वक्त तक उस पर रह सकता है. करेंसी नोटों का लेन-देन बड़ी मात्रा में अनेक अनजान लोगों के बीच होता है तो यही पता नहीं चल पाता कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं. भारत में नकद का प्रचलन बहुत ज्यादा है और इस दृष्टि से व्यापारियों को इससे बहुत अधिक खतरा है. देश के 130 करोड़ लोग अपनी जरूरतों की चीजें व्यापारियों से ही अधिकांश रूप से नकद में खरीदते हैं, लेकिन इस मामले पर सरकार की चुप्पी बेहद आश्चर्यजनक है.
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इन्होंने माना कि नोटों से संक्रमण फैलता है
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ, जर्नल ऑफ़ करेंट माइक्रो बायोलॉज़ी एंड ऐपलायड साइंस, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ फ़ार्मा एंड बायो साइंस, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ एडवॉन्स रिसर्च आदि ने भी अपनी-अपनी रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है कि करेंसी नोट के ज़रिए संक्रमण होता है. इस दृष्टि से कोरोना काल में करेंसी का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक किया जाना जरूरी है. कैट ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से मांग की है की वो मामले की गंभीरता को देखते हुए यह स्पष्ट करें की क्या करेंसी नोटों के जरिये कोरोना अथवा अन्य वाइरस या बैक्टेरिया फैलता है.
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