सहवाग ने बतौर कप्तान अपने पहले टेस्ट मैच का रोमांचक किस्सा बताया है. दिसंबर 2015 में अहमदाबाद में खेले गए श्रीलंका के खिलाफ खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में वीरू ने राहुल द्रविड़ की अनुपस्थिति में टीम की कमान संभाली थी. उन्होंने बताया है कि मैच के दौरान एक समय महान गेंदबाज अनिल कुंबले और हरभजन सिंह उनकी बात मानने को तैयार नहीं थे.
कुंबले-हरभजन गेंदबाजी से हटने को तैयार नहीं
वीयू इंडिया नाम के यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए सहवाग ने बताया कि मैच के दौरान दोनों गेंदबाज बॉलिंग से हटने के लिए तैयार नहीं थे. उन्होंने कहा, ‘अनिल भाई भी मेरी कप्तानी में खेले हैं. जरा सोचिए कि एक तरफ से अनिल कुंबले गेंदबाजी कर रहे हैं और दूसरी तरफ से हरभजन सिंह. दोनों ही गेंदबाजी से हटने को तैयार नहीं। तगड़ा मुकाबला था. अनिल भाई बोल रहे थे, उसको बोल हट जाएगा. फिर हरभजन सिंह से कहा तो वह बोले कि अनिल भाई ब्रेक ले लें.’इस मैच में पहली पारी में हरभजन सिंह ने सात और अनिल कुंबले ने दो विकेट लिया था. दूसरी पारी में कुंबले को पांच और हरभजन को तीन विकेट मिले थे. इस मैच के हीरो हरभजन सिंह रहे थे तो वहीं मैन ऑफ द सीरीज का खिताब कुंबले ने जीता था.
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सचिन ने बचाई सहवाग की जान
सहवाग ने बताया कि कुंबले-हरभजन 10-10 ओवर डाल चुके थे लेकिन दोनों खिलाड़ी ब्रेक लेने के लिए तैयार नहीं थे. उन्होंने कहा, ‘फिर मैं सचिन तेंदुलकर के पास गया और उनसे कहा कि दोनों मेरी बात नहीं सुन रहे हैं. आप किसी को बोलिए कि ब्रेक ले और मैं एक छोर से फॉस्ट बॉलर लगाना चाहता हूं. सचिन ने फिर हरभजन से बात की.’ उन्होंने कहा कि सचिन हमारी टीम के वाकई भगवान थे. उनका कहना हर प्लेयर मानता था. वीरू ने कहा कि अनिल भाई को मैं क्या बोल सकता था कि आप रूक जाओ. जब सौरव गांगुली की हिम्मत नहीं हुई तो मैं कौन था.
भारत ने 259 रनों से श्रीलंका को हराया
15 साल पहले खेले गए अहमदाबाद टेस्ट में भारतीय टीम ने श्रीलंका को 259 रनों से मात दी थी. पहले बल्लेबाजी करते भारतीय टीम ने वीवीएस लक्ष्मण की शतक की बदौलत 398 रन बनाए थे. हरभजन-कुंबले की घातक गेंदबाजी के सामने श्रीलंका की पहली पारी सिर्फ 206 रनों पर सिमट गई. इसके बाद भारत ने दूसरी पारी में 9 विकेट पर 316 रन बनाए थे. 509 रन के लक्ष्य के सामने श्रीलंकाई टीम 249 रनों पर सिमट गई थी.
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