इस शर्त पर मिली है छूट
इसमें कारोबार सुगमता की शर्त भी है. कार्य सुगमता के मामले में ‘जिला स्तरीय उद्यम सुधार कार्ययोजना’ का प्रथम आकलन पूरा करने की शर्त है. वित्त मंत्रालय ने बताया कि इन पांच राज्यों ने कारोबार सुगमता की शर्त को पूरा कर लिया है.
यह भी पढ़ें: अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत, विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में इस महीने 54,980 करोड़ रुपये लगाएइसके आधार पर उन्हें कुल मिला कर 16,728 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुटाने की छूट दी गयी है. गौरतलब है कि राजकोषीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्यों को अपना कर्ज अपने सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) के तीन प्रतिशत तक सीमित रखना पड़ता है.
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इन योजनाओं पर खर्च होगा पैसा
कोविड-19 के संकट को देखते हुए मई में केद्र सरकार ने राज्यों की कर्ज की सीमा विभिन्न सुधारवादी शर्तों के साथ कुल मिला कर 2 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की. इन शर्तां में एक-देश-एक-राशनकार्ड , कारोबार सुगमता, नगर निकाय/ सार्वजनिक सेवाओं में सुधार और बिजली क्षेत्र में सुधार शामिल हैं. उन्हें 15 फरवरी 2020 तक ये सुधार लागू करने होंगे तभी उन्हें अतिरिक्त कर्ज लेने की छूट मिलेगी. प्रत्येक सुधार पर एसजीडीपी के 0.25 प्रतिशत अतिरिक्त कर्ज की छूट है. इस तरह राज्य कुल मिला कर 2.14 लाख करोड़ अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटा सकते हैं.
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