केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर सरकार किसी भी तरह की कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती है. उन्होंने बताया कि कोरोना वैक्सीन पहले किन लोगों को दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार की पूरी कोशिश है कि भारत के हर नागरिक तक कोरोना वैक्सीन पहुंचे, जिससे कोरोना की लड़ाई को भारत जीत सके.
आइए जानते हैं डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वैक्सीन को लेकर क्या क्या बात कही…
डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक भारत सरकार वैक्सीन के मामले में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहती है. जो वैक्सीन सबसे सही, सटीक होगी उसे ही प्राथमिकता दी जाएगी. सरकार का लक्ष्य सही वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचाना है.
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि सबसे पहले 30 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन देने का लक्ष्य बनाया गया है. इसके लिए हर राज्य की सरकारों से लिस्ट मांगी गई है, जिन्हें कोरोना की पहली डोज दी जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हमने एक्सपर्ट का एक ग्रुप बनाया था जिन्होंने लंबा मंथन किया, साथ ही दुनिया में जो ट्रेंड चल रहा है उसके मुताबिक लिस्ट तैयार कराई जा रही है.
डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक शुरुआत में जिन 30 करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी, उनमें 1 करोड़ हेल्थ वर्कर, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर (पुलिस, सफाई कर्मचारी, सेना आदि) शामिल हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर के साथ ही उन 26 करोड़ लोगों को भी चिन्हित किया गया है जो या तो 50 साल से अधिक उम्र के हैं और किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वैक्सीन के वितरण को लेकर कहा कि भारत सरकार पिछले 4 महीनों से राज्यों के साथ वैक्सीनेशन की तैयारियों में जुटा हुआ है. लोगों को सुरक्षित तरीके से कोरोना वैक्सीन देने के लिए 260 जिलों के 20 हजार से अधिक वर्कर्स को ट्रेनिंग दी जा रही है.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि किस व्यक्ति को कहां और कम कोरोना वैक्सीन दी जाएगी, इसकी जानकारी फोन पर ही उस व्यक्ति को मिल जाएगी. सभी राज्यों ने लिस्ट हमारे पास पहुंच गई है. हमारी टीम इस लिस्ट पर काम कर रही है.
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि कोरोना वैक्सीन की पहली डोज देने के लिए जिन लोगों का नाम तय किया गया है अगर उनके से कुछ लोग वैक्सीन लेने से इनकार करते हैं तो उन पर सरकार किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाएगी.
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, कुछ महीनों पहले तक देश में 10 लाख एक्टिव केस थे जो घटकर अब 3 लाख के करीब हैं. उन्होंने कहा कि देश में अब तक कोरोना के 1 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं लेकिन इनमें से 95 लाख से ज्यादा मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं.
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत को रिकवरी रेट दुनिया में सबसे ज्यादा है. डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश पिछले 10 महीनों से जिस संकट से गुजरा है वो अब खत्म होने की दिखा में बढ़ रही है. कोरोना की इस जंग में आज भारत दुनिया के अन्य देशों की तुलता में बेहतर स्थिति में है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने हाल ही में कहा था कि “कोरोना वायरस की 260 वैक्सीन विभिन्न चरणों में हैं, इनमें से आठ का निर्माण भारत में होगा. इसमें तीन स्वदेशी हैं. लेकिन, टीकों की सुरक्षा से लेकर उनके प्रभावी होने तक के वैज्ञानिक और नियामक मानदंडों पर कोई समझौता न हो.
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