बता दें कि रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Health Minister Harsh Vardhan) ने कहा था कि केंद्र सरकार का जोर कोरोना वायरस वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव पर है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जनवरी में किसी भी हफ्ते टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो सकता है. बता दें कि देश में कोविशील्ड और कोवाक्सिन के साथ देश में अन्य कोरोना वायरस वैक्सीन का ट्रायल जारी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 2021 की शुरूआत में कोविड वैक्सीन सभी के लिए उपलब्ध होगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने हाल ही में कहा था कि “कोरोना वायरस की 260 वैक्सीन विभिन्न चरणों में हैं, इनमें से आठ का निर्माण भारत में होगा. इसमें तीन स्वदेशी हैं. लेकिन, टीकों की सुरक्षा से लेकर उनके प्रभावी होने तक के वैज्ञानिक और नियामक मानदंडों पर कोई समझौता न हो.” उन्होंने कहा था कि सरकार कोविड-19 टीके के उत्पादन और वितरण के लिए मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित कर रही है, ताकि मांग को पूरा किया जा सके.
उधर, अमेरिका में फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन के बाद मॉडर्ना की कोरोना वायरस वैक्सीन को भी आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी गई. मॉडर्ना दूसरी कंपनी है, जिसे आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है. माना जा रहा है कि दिसंबर के आखिर में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वायरस वैक्सीन को भी इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है. अगर ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिलती है, तो भारत में भी इसके इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने की उम्मीद बढ़ जाएगी.
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन के ट्रायल और विकास में जुटा है.
This website uses cookies.
Leave a Comment